सतीश सिंह। डेढ़ साल से ज्यादा समय से बंद पड़ी निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के नए मालिक मुरारी लाल जालान इसे फिर से जमीन से आसमान में लाने की तैयारी कर रहे हैं। अगर सबकुछ जालान की योजना के अनुसार हुआ तो नए साल की पहली तिमाही में जेट एयरवेज घरेलू उड़ानों के साथ-साथ यूरोप एवं पश्चिम एशियाई देशों के प्रमुख शहरों में उड़ान भरना शुरू कर देगा। घरेलू उड़ानों में जेट पहले की तरह दिल्ली-मुंबई और बंगलुरु रूट के जरिये अपने कारोबार को आगे बढ़ाने पर विशेष ध्यान देगा। इसके साथ ही वह जनसंख्या के आधार पर बांटे गए अन्य प्रमुख शहरों को भी जेट की सेवाओं से जोड़ेगा। अपनी योजना को मूर्त रूप देने के लिए जेट के निवेशकों ने प्रशिक्षित व अनुभवी कर्मचारियों की खोज शुरू कर दी है। चूंकि कोरोना महामारी और विमानन क्षेत्र की खस्ताहाल स्थिति के कारण अनेक एयरलाइंसों ने बीते महीनों में कर्मचारियों की संख्या कम की है, इसलिए माना जा रहा है कि जल्द ही अनुभवी मानव संसाधन जेट एयरवेज को मिल जाएंगे।

योजनानुसार जेट एयरवेज सूचीबद्ध कंपनी बनी रहेगी। इसके नए मालिक मुरारी लाल जालान उजबेकिस्तान में रियल एस्टेट के कारोबारी हैं। उनका भारत, रूस और उजबेकिस्तान में निवेश है। नई व्यवस्था के तहत जालान के पास जेट की 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी, जबकि 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी कालरॉक कैपिटल के पास और 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी ऋणदाताओं के पास होगी। कालरॉक कैपिटल लंदन की वित्तीय सलाहकार और वैकल्पिक परिसंपत्ति प्रबंधन इकाई है। उल्लेखनीय है कि कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान की प्रस्तावित समाधान योजना को जेट एयरवेज के ऋणदाताओं ने अक्टूबर में मंजूरी दे दी थी और अब राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) से मंजूरी मिलने का इंतजार जेट के नए निवेशक कर रहे हैं। नए कंर्सोिटयम ने जेट एयरवेज में करीब 1,000 करोड़ रुपये निवेश करने का प्रस्ताव किया है और नियामकीय मंजूरियां मिलने के बाद कंपनी के नए मालिक जेट में और निवेश करने के लिए तैयार हैं। हवाई अड्डा स्लॉट जल्द से जल्द जेट एयरवेज को मिलने पर भी इसकी कामयाबी निर्भर होगी।

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