नई दिल्ली : गो फर्स्ट क्राइसिस के बाद देश में फ्लाइट्स कम होने का अनुमान लगाया जा रहा था। संबंधित संगठनों, लोगों और जानकारों ने अनुमान लगाया था कि एयर फेयर में इजाफा होगा और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन देश की बाकी एयरलाइंस ने इसे एक मौके के तौर पर लिया है। एअर इंडिया और इंडिगो समेत देश की बाकी एयरलाइंस ने गर्मियों के पीक सीजन में गो फर्स्ट द्वारा रद्द की गई फ्लाइट्स को भरने के लिए नई उड़ानें शुरू की हैं। एयर इंडिया ने दिल्ली-श्रीनगर और दिल्ली-लेह जैसे रूटों पर फ्रीक्वैंसी बढ़ा दी है। इंडिगो ने मुंबई से दोनों शहरों को जोड़ने वाली उड़ानें शुरू की हैं। विस्तारा ने दिल्ली-मुंबई फ्लाइट फ्रीक्वैंसी में इजाफा किया है।
वाडिया ग्रुप की गो फर्स्ट ने 3 मई को वॉलंटरी इंसॉल्वैंसी की याचिका दायर की थी। एन.सी.एल.टी. कोर्ट ने लो कॉस्ट एयरलाइन के एसैट्स को मोराटोरियम देने का ऐलान किया है, जिसमें एयरपोर्ट पर मौजूद डिपार्चर और अराइवल स्लॉट शामिल हैं, सरकार ने एयरलाइन को 23 मई तक अंतरिम उपाय करने का समय दिया है। गो फर्स्ट ने 23 मई तक सभी उड़ानों के कैंसिल करने का ऐलान किया है।
एयर इंडिया ने किया ये ऐलान
एयर इंडिया के सी.ई.ओ. कैंपबेल विल्सन ने शुक्रवार को एक नोट में कर्मचारियों को बताया कि एयरलाइन घरेलू उड़ानों में तेजी से वृद्धि करने की योजना बना रही है ताकि किसी अन्य एयरलाइन की उड़ानों में कटौती के कारण पैदा हुई कमी को पूरा किया जा सके और आम पैसेंजर्स की परेशानियों को कम किया जा सके। इस मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि सरकार ने गो फर्स्ट के स्लॉट आबंटित किए हैं, जिसमें कहा गया है कि अगर एयरपोर्ट का यूज नहीं होता है तो उन्हें पैसे का नुक्सान होगा।
गो फर्स्ट के बांटे गए स्लॉट
नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश को ध्यान में रखते हुए गो फर्स्ट को उड़ानें फिर से शुरू होने के बाद अपने स्लॉट वापस मिल जाएंगे। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि स्लॉट नैशनल रिसॉर्स हैं, जिनका अगर इस्तेमाल नहीं किया गया तो यह एयरलाइंस और ग्राहकों दोनों के हितों में नहीं है, इसलिए, सरकार ने उन्हें अलॉट किया है। सेवा शुरू होने पर इन्हें गो फर्स्ट में वापस कर दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि सरकार एयर फेयर हाइक को लेकर भी काफी चिंतित है।
