बिना पासपोर्ट बदले हर 6 महीने में अपनी राष्ट्रीयता बदल लेता है दुनिया का यह आईलैंड, पढ़िए वजह

changing nationality without changing passport

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नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) changing nationality without changing passport दुनिया में जहां अपनी-अपनी सीमाओं को लेकर जंग लड़ी जा रही हैं, वहीं एक ऐसा द्वीप भी है जो शांति का एक अनोखा उदाहरण पेश करता है। यह द्वीप हर छह महीने में अपना देश बदल लेता है! जी हां, आपने सही पढ़ा। फ्रांस और स्पेन के बीच स्थित फीजेंट द्वीप (Pheasant Island) पर दोनों देश बारी-बारी से शासन करते हैं। 1659 से चली आ रही इस अनोखी परंपरा में दोनों देश बिना किसी विवाद के शांतिपूर्ण तरीके से शासन की जिम्मेदारी एक-दूसरे को सौंपते हैं। यह एक ऐसा इतिहास है जो हमें सिखाता है कि सीमाएं हमेशा विवाद का कारण नहीं होतीं, बल्कि सहयोग और शांति का प्रतीक भी हो सकती हैं। आइए जानें इससे जुड़ी रोचक बातें।

क्यों बदलती है इसकी राष्ट्रीयता?

इसकी कहानी 17वीं सदी से जुड़ी है। साल 1659 में फ्रांस और स्पेन के बीच एक युद्ध हुआ था। इस युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच एक संधि हुई, जिसे पायरीनिस संधि के नाम से जाना जाता है। इस संधि के अनुसार, फीजेंट द्वीप पर छह महीने फ्रांस का और छह महीने स्पेन का शासन रहेगा। यानी हर छह महीने में इस द्वीप की राष्ट्रीयता बदल जाती है।

क्यों हुआ था ऐसा समझौता?

यह द्वीप काफी छोटा है और एक नदी के बीचों-बीच स्थित है। सदियों से इस द्वीप पर किस देश का शासन होगा, इसको लेकर दोनों देशों के बीच विवाद चलता रहा। आखिरकार, दोनों देशों ने आपसी सहमति से यह फैसला लिया कि इस द्वीप पर दोनों देश बारी-बारी से शासन करेंगे।

यह दुनिया की एक अनोखी मिसाल है जहां दो देशों के बीच इतने लंबे समय से एक ऐसा समझौता चल रहा है। इस समझौते की सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों देशों के बीच इस द्वीप को लेकर कभी कोई युद्ध नहीं हुआ।

फीजेंट द्वीप से जुड़े रोचक तथ्य

  • फीजेंट द्वीप फ्रांस और स्पेन की सीमा पर स्थित बिदासो नदी के बीच में स्थित है।
  • यह द्वीप काफी छोटा है और इसमें रहने के लिए कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है।
  • हर साल 8 फरवरी को फ्रांस इस द्वीप पर अपना शासन शुरू करता है और 8 अगस्त को स्पेन इसे संभाल लेता है।
  • इस द्वीप पर कोई स्थायी निवासी नहीं रहता है और यहां आने-जाने के लिए विशेष अनुमति की जरूरत होती है।
  • इस द्वीप का इतिहास काफी समृद्ध है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों का प्रतीक भी है।

क्यों है यह द्वीप इतना खास?

  • फीजेंट द्वीप हमें सिखाता है कि सीमाएं हमेशा विवाद का कारण नहीं होतीं।
  • दोनों देशों के बीच सहयोग और समझौते का एक बेहतरीन उदाहरण है।
  • यह द्वीप दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंधों का प्रतीक है।

Cradit : Jagran

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Author: Travel Post

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