Indians study here and open companies in their country and become billionaires, said Donald Trump
वाशिंगटन (ट्रैवल पोस्ट) Donald Trump News : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों को यह निर्देश दिया है कि वे लोकल यूनिवर्सिटी से गोल्ड कार्ड नागरिकता के साथ भारतीय ग्रेजुएट्स को नौकरी पर रखें। उनका कहना है कि पहले अमेरिकी कंपनियों को उन्हें काम पर रखने में मुश्किलें होती थी, और स्टूडेंट्स “भारत वापस जाते हैं, कंपनियां खोलते हैं, अरबपति बन जाते हैं। वे हजारों लोगों को रोजगार देते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “लोग भारत, चीन, जापान, और अलग-अलग जगहों से आते हैं, वे हार्वर्ड या द व्हार्टन स्कूल ऑफ फाइनेंस में पढ़ाई करते हैं। उन्हें नौकरियां मिलती हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि क्या वे अमेरिका में रह सकते हैं या नहीं।
अपने देश जाकर बड़ी कंपनियां खोल लेते हैं
राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि कई कंपनियों ने इस मामले को लेकर उनसे शिकायत की थी कि वे इन्हें काम पर रखने में असमर्थ होती हैं, और भारतीय छात्र अपने देश जाकर बड़ी कंपनियां खोलकर अरबपति बन जाते हैं। ट्रंप ने कहा, मुझे कई कंपनियों से शिकायत मिली है कि वे लोगों को नौकरी पर रखने के लिए बाहर जाती हैं, लेकिन उन्हें नौकरी पर नहीं रख पातीं… आप जानते हैं कि वे क्या करती हैं? वे भारत वापस चले जाते हैं, या वे उस देश में वापस चले जाते हैं जहां से वे आए थे, और वहां एक कंपनी खोलते हैं, और अरबपति बन जाते हैं।
क्या है गोल्डा कार्ड? ट्रंप ने बेचने का किया ऐलान
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘गोल्ड कार्ड’ – के रूप में एक नई इमीग्रेशन इनीशियेटिव शुरू की है, जिससे अमीर विदेशी निवेशक पांच मिलियन अमेरिकी डॉलर की रकम से अमेरिका की नागरिकता खरीद सकते हैं। मंगलवार को ओवल ऑफिस से घोषित इस प्रस्ताव को ग्रीन कार्ड के “प्रीमियम वर्जन” के रूप में पेश किया जा रहा है, जिससे लान्ग टर्म रेजिडेंसी की सुविधा मिलेगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिन इसका ऐलान करते हुए कहा था, “हम एक गोल्ड कार्ड बेचने जा रहे हैं. हम उस कार्ड की कीमत लगभग 5 मिलियन डॉलर रखने जा रहे हैं.” राष्ट्रपति के मुताबिक, इस नए इनीशियेटिव का मकसद अमेरिका में हाई नेट-वर्थ वाले लोगों को आकर्षित करना है, जबकि सरकार की कोशिश है कि इससे ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू बनाया जाए।
