वाशिंगटन (ट्रैवल पोस्ट) H-1B Visa News : हर साल हजारों भारतीय पेशेवरों का सपना होता है अमेरिका में नौकरी करना, और इस सपने को साकार करता है H-1B वीज़ा। लेकिन अब इस वीज़ा से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अमेरिका ने H-1B वीज़ा की प्रक्रिया को और पारदर्शी व सुरक्षित बनाने के लिए कंपनियों की परिभाषा, वीज़ा रजिस्ट्रेशन सिस्टम और जॉब ऑफर की वैधता जैसे कई अहम पहलुओं को फिर से परिभाषित किया है।
दरअसल, बिजनेस के मालिक और स्टार्टअप फाउंडर, खुद से H-1B वीजा के लिए स्पांसर कर सकते हैं। इस प्रोग्राम के लिए क्वालिफाई होने के लिए अब उन्हें किसी अमेरिकी कंपनी से स्पांसरशिप की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, वीजा पाने के लिए उन्हें कई शर्तों को पूरा करना होगा।
H-1B Visa News : किन शर्तों पर मिलेगा वीजा?
H-1B में बदलाव को लेकर नई नीति दिसंबर में लाई गई थी, लेकिन फिलहाल कंपनियों के जरिए वीजा मिलना मुश्किल हो चुका है। ऐसे में आंत्रन्प्रेन्योरशिप के रास्ते H-1B वीजा आसान हो चुका है। ये वीजा उन कंपनियों के फाउंडर को दिया जाएगा, जिनकी कंपनियां आर्थिक रूप से अच्छा परफॉर्म कर रही हैं।
वीजा के लिए निम्नलिखित शर्तें हैं:
कंपनी स्ट्रक्चर : आवेदक को बताना होगा कि उसकी कंपनी का स्ट्रक्चर कैसा है। CEO, मैनेजर और वर्कर्स आदि की डिटेल्स देनी होगी।
बिजनेस प्लान : आवेदक को ये भी बताना होगा कि बिजनेस प्लान क्या है और आप किस तरह से उसे आगे बढ़ाएंगे।
कंपनी-कर्मचारी का रिश्ता : आवेदक को ये भी साबित करना होगा कि वह कंपनी से जुड़ा है और वह उसे स्पांसर कर रही है।
स्पेशलिएटी ऑक्यूपेशन पद : आवेदक को ये भी साबित करना होगा कि वह कंपनी में स्पेशलिएटी ऑक्यूपेशन पद पर है।
सबूत और डॉक्यूमेंटशन : आवेदक को कंपनी से जुड़े सभी तरह के कागजात सौंपने होंगे।
H-1B Visa News : वीजा कब तक वैलिड रहेगा?
H-1B वीजा तीन साल तक वैलिड रहेगा और फिर इसे तीन साल तक के लिए एक्सटेंड कर दिया जाएगा। छह साल बाद भी वीजा एक्सटेंड हो सकता है, अगर आवेदक ग्रीन कार्ड के लिए प्रोसेस कर चुका है।












