Apart from Barsana, Holi of these places is famous, people come to see it from all over the country and the world
नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) Holi 2025 – फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर होली का त्योहार होता है. होली की बात होती है तो मथुरा का जिक्र जरूर होता है. मथुरा-वृंदावन में होली काफी समय पहले से शुरू हो जाती है। फूलों की, गुलाल की, लड्डू की होली वगैरह कई तरह की होली खेली जाती है। सबसे ज्यादा फेमस है बरसाना की लट्ठमार होली, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं। लेकिन बरसाना के अलावा भी देश के तमाम हिस्सों की होली काफी प्रसिद्ध है।
कर्नाटक की हंपी की होली सिर्फ देश ही नहीं, पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यहां होली पर लोकगीत गाए जाते हैं. नृत्य किया जाता है। यहां होली खेलने के बाद तुंगभद्र नदी में स्नान किया जाता है. इस होली का आनंद लेने के लिए विदेशों से भी लोग भारत आते हैं।
बिहार की फगुआ होली
बिहार में होली को फगुआ कहते हैं. इस मौके पर वहां के लोग फगुआ गीत गाते हैं. यहां पर कुर्ता-फाड़ होली खेली जाती है. कीचड़ और गोबर से भी होली खेली जाती है। गोवा में होली भी काफी प्रसिद्ध है. होली के मौके पर गोवा में शिग्मोत्सव चलता है। इसे शिग्मो भी कहा जाता है। 14 दिनों के इस शिग्मोत्सव के बीच यहां हर शहर में संगीत और पांरपरिक लोक नृत्य आयोजित किया जाता है। शहर भर में झांकियां लगती हैं। मदिरों में पूजा होती है. गोवा की होली देखने भी दुनिया भर से पर्यटक आते हैं।
इंदौर की होली
इंदौर में होली के पांचवें दिन रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। रंग पंचमी को लेकर मान्यता है कि इस दिन देवताओं के साथ होली खेली जाती है। इस दिन लोग अपने आराध्य का ध्यान करके आसमान की ओर गुलाल को फेंकते हैं। माना जाता है कि ऊपर की ओर फेंका ये गुलाल उनके आराध्य तक पहुंचता है और इससे उनके आराध्य प्रसन्न होते हैं। फेंका गुलाल जब वापस लोगों पर गिरता है तो उसे ईश्वर का प्रसाद माना जाता है।
पश्चिम बंगाल की होली
पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन की होली भी काफी प्रसिद्ध है। रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा स्थापित किए शांति निकेतन की होली को बसंतोत्सव के नाम से जाना जाता है। इस होली की शुरुआत रवीन्द्रनाथ टैगोर ने खुद की थी. तब से इस प्रथा को आज भी निभाया जाता है। इस दिन यहां के लोग पारंपरिक वस्त्र पहनकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं।
