Direct flight to China? Vikram Mistry is in Beijing, why does the dragon want these 5 special favours from India?
नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) India-China Relation : बीते कुछ महीनों के दौरान भारत और चीन के रिश्ते पटरी पर आते दिख रहे हैं. एलएसी के विवादित क्षेत्र से चीन की सेना पीछे हट गई है। इससे दोनों देशों के अधिकारियों और शीर्ष स्तर के नेताओं के बीच मुलाकातों का दौर भी शुरू हो गया है। बदले हुए अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में चीन, भारत के साथ तेजी से रिश्ते सुधारना चाहता है।
इसी संदर्भ में विदेश सचिव विक्रम मिसरी दो दिनों से बीजिंग में हैं। मिसरी रविवार को बीजिंग पहुंचे और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात की। मिसरी आज यानी सोमवार को अपने चीनी समकक्ष, उप विदेश मंत्री सुन वेडोंग से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
मिसरी की CPC के अंतरराष्ट्रीय विभाग के प्रमुख लियू जियानचाओ से मुलाकात में दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने को लेकर चर्चा हुई. विदेश सचिव का यह दौरा 2020 में चीनी घुसपैठ के बाद हुए सैन्य गतिरोध और फिर बीते अगस्त में सैनिकों की वापसी के बाद हो रहा है।
बीजिंग की योजना
चीन, भारत के साथ रिश्तों को सुधारने पर जोर दे रहा है। इसके लिए उसने अपनी कुछ इच्छाएं जाहिर की है। इसमें दोनों देशों के बीच सीधी फ्लाइट, चीनी नागरिकों सहित राजनयिकों और शोधकर्ताओं के लिए वीजा प्रतिबंधों में ढील, चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध हटाना, भारतीय फिल्मों को चीनी सिनेमाघरों में दिखाने की अनुमति और चीनी पत्रकारों को भारत में रिपोर्ट करने की अनुमति की मांग कर रहा है। भारत ने ये प्रतिबंध जून 2020 में गलवान संघर्ष के बाद लगाए गए थे. गलवान में 20 भारतीय सैनिकों, जिनमें एक कर्नल रैंक अधिकारी भी शामिल थे, और कम से कम चार चीनी सैनिक मारे गए थे।
चीनी सैनिक पीछे हटे
हालांकि सीमा से सैनिकों की वापसी नवंबर की शुरुआत में पूरी हो गई थी। कुछ विवादित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग फिर से शुरू हो गई है, लेकिन अगले कदमों, जैसे कि सैनिकों की संख्या कम करना और शांति स्थापना अभी भी बाकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत का अब तक का रुख है कि वह सीमा पर स्थिति में प्रगति देखे बिना रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में कदम नहीं बढ़ाएगा. हालांकि, सीधी उड़ानों और चीनी नागरिकों के लिए वीजा पर विचार चल रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इन फैसलों में अभी समय लग सकता है।
इस बीच चीन ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के दौरे का स्वागत किया है। उसने सकारात्मक परिणामों की उम्मीद जताई। चीन ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के शीर्ष नेताओं और अधिकारियों के बीच चार साल से अधिक समय तक रुके संबंधों को सुधारने के लिए कई वार्ताओं के बाद हुई है।
इधर भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि यह दौरा द्विपक्षीय तंत्र का पुनर्निर्माण करने के लिए है। मिसरी का यह दौरा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच 18 दिसंबर को बीजिंग में हुई मुलाकात के एक महीने से थोड़ा अधिक समय बाद हो रहा है. इस बैठक में दोनों देशों ने सीमा पर पेट्रोलिंग व्यवस्था पर सहमति जताई थी, और इसके बाद 23 अक्टूबर को रूस में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान कजान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी।
मिसरी 2020 में भारत के बीजिंग में राजदूत थे जब सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था. वह चीनी नेतृत्व और बीजिंग में प्रशासन के बारे में अच्छी तरह से परिचित हैं. पिछले महीने बीजिंग में विशेष प्रतिनिधियों की बैठक में भारत और चीन ने छह मुद्दों पर सहमति जताई थी, जिसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा की फिर से शुरुआत, सीमा पार नदियों पर सहयोग और नाथुला सीमा व्यापार शामिल था।
