अमेरिका (ट्रेवल पोस्ट) Job in US : अमेरिका में पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों में बड़ी तादाद ऐसे लोगों की होती है, जो कोर्स पूरा होने के बाद वहीं नौकरी करना चाहते हैं। हालांकि, कई बार उनके लिए नौकरी ढूंढना इतना ज्यादा आसान नहीं होता है। नौकरी की तलाश में लगे लोगों को कई तरह के नियमों को पालन करना होता है। हालांकि, एक बार जब सभी नियमों का सही से पालन कर लिया जाए तो वहां जॉब करना ज्यादा मुश्किलों भरा नहीं होता है। लोगों के लिए नौकरी के साथ ही पीआर का रास्ता भी खुलने लगता है।
एफ-1 वीजा, एम-1 वीजा और जे-1 वीजा तीन प्रकार के स्टडी वीजा हैं, जो छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद सीमित समय के लिए अमेरिका में रहने और पढ़ने की इजाजत देते हैं। एफ-1 वीजा वाले स्टूडेंट्स अपने कोर्स से जुड़े प्रमुख क्षेत्र में एक वर्ष तक का अस्थायी रूप से नौकरी कर सकते हैं। एफ-1 वीजा होल्डर्स अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ऑप्शन प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) के लिए अप्लाई कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि OPT क्या है और किस तरह से पढ़ाई के बाद अमेरिका में नौकरी की जा सकती है।
Job in US : नौकरी मिलने पर वर्क वीजा के लिए करें अप्लाई
अगर कोई छात्र ओपीटी के जरिए किसी कंपनी में काम कर रहा है और फिर उसे वहां नौकरी मिल जाती है। ऐसी स्थिति में उस कंपनी को छात्र की ओर से वर्क वीजा के लिए अप्लाई करना होता है। ओपीटी के जरिए की जा रही नौकरी के दौरान छात्र एफ-1 वीजा पर ही होता है, जो उसे पढ़ने के लिए मिला था। मगर जब कंपनी परमानेंट नौकरी देने के लिए तैयार हो जाती है तो फिर वर्क वीजा की जरूरत पड़ती है। वर्क वीजा को आम तौर पर एच-1बी वीजा के तौर पर जाना जाता है।
एच-1बी वीजा ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री वाले विदेशी वर्कर्स को अमेरिका में काम करने के लिए दिया जाता है। सालाना 65,000 एच-1बी वीजा जारी करने की सीमा है। हालांकि, अमेरिकी संस्थानों से मास्टर डिग्री हासिल करने वाले विदेशी छात्रों के लिए अलग से 20,000 वीजा उपलब्ध होता है। अगर किसी को एच-1बी वीजा मिलता है, तो वह तीन साल तक अमेरिका में रह सकता है और काम कर सकता है। इस समयसीमा को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन आमतौर पर ये छह साल से ज्यादा नहीं हो सकता।