नई दिल्ली (ट्रेवल पोस्ट) – जर्मनी में अभी 13.40 लाख नौकरियां खाली हैं। ये नौकरियां अलग-अलग सेक्टर्स में हैं और जहां काम करने के लिए लोग नहीं मिल रहे हैं। नियमों को आसान बनाने के बाद भी विदेशी कामगार बड़ी संख्या में जर्मनी आने के लिए प्रोत्साहित नहीं हुए हैं।
Jobs in Europe यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद, पिछले कुछ सालों में जर्मनी की तरक्की धीमी रही है। जर्मनी की तरफ से जो प्रोफेशनल वीजा दिया जा रहा है, उसका फायदा भारतीयों को भी मिलने वाला है।
Jobs in Europe भारतीयों के लिए वीजा की संख्या भी बढ़ाई गई है। जर्मनी की सरकार ने 2024 के लिए स्किल वर्कर वीजा में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जिसके बाद साल के अंत तक कुल वीजा की संख्या 2 लाख हो जाएगीयानी इस साल के अंत तक जर्मनी में नौकरी के अवसर मिलेंगे।
Jobs in Europe : हमारे देश की ज्यादातर आबादी बुजुर्ग हो रही है – विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक
जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक ने कहा कि हमारे देश की ज्यादातर आबादी बुजुर्ग हो रही है इसलिए हर साल यहां काम करने वाले 4 लाख वर्कर्स की कमी देखने को मिल रही है। उन्होने कहा कि यहां पर हेल्थकेयर, सर्विस और टेक्नोलॉजी सेक्टर्स में लोगों की सबसे ज्यादा कमी हो रही है। आपको बता दें कि जर्मनी में पिछले पांच सालों में नौकरियों की संख्या 16 लाख बढ़ी है, जिसमें से 89 फीसदी नौकरीयां विदेशी लोगों को हासिल हुई है। अगर विदेशी कामगार जर्मनी नहीं आए होते तो 2023 में जर्मनी में रोजगार में काफी गिरावट देखने को मिलती।
नए प्वाइंट सिस्टम का किसको होगा फायदा ?
जर्मनी के नए प्वाइंट सिस्टम का मतलब है वह विदेशी नागरिक जो की यूरोपियन यूनियन के रहने वाले नहीं हैं, उनके लिए जर्मनी में आकर काम करना अब आसान हो जाएगा। वे अपने साथ अपने परिवारों को भी ला पाएंगे। इसका सीधा फायदा भारतीयों को भी मिलने वाला है, जो अब आसानी से जर्मनी जाकर नौकरी कर सकते हैं। हालांकि, इस सिस्टम में प्वाइंट्स हासिल करने के लिए जर्मन भाषा आना, प्रोफेशनल एक्सपीरियंस और उम्र जैसी तमाम शर्तों को भी पूरा करना होगा।
