What is the difference between NRI and OCI? Know norms, rights, and restrictions in detail
नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) NRI vs OCI News – तमाम लोग हैं जो NRI और OCI Card Holders को एक ही समझते हैं, लेकिन इनके बीच काफी फर्क होता है। एनआरआई का मतलब अनिवासी भारतीय से है, जिसके पास भारतीय पासपोर्ट है, लेकिन वो विदेश में रह रहे हैं। एनआरआई उस शख्स को माना जाता है, जो किसी वित्तीय वर्ष में कम-से-कम 183 दिनों के किसी अन्य देश में रहता है। जबकि OCI Card भारतीय मूल के उन लोगों के लिए होता है जो दूसरे देशों की नागरिकता ले चुके हैं, लेकिन भारत से उनका जुड़ाव अभी भी है।
OCI कार्ड होल्डर्स को भारत आने के लिए जीवनभर किसी वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है। ओसीआई कार्ड जीवनभर के लिए मान्य होता है। लेकिन ओसीआई कार्ड को भारतीय नागरिकता नहीं माना जा सकता। इसलिए एनआरआई और ओसीआई कार्ड होल्डर्स के अधिकारों में भी काफी फर्क है।
भारतीय नागरिक होते हैं, लेकिन विदेश में रहते हैं और भारतीय पासपोर्ट रखते हैं. एनआरआई को भारत में वोट देने का अधिकार होता है। 18 साल की आयु पूरी कर चुके ऐसे एनआरआई, जो किसी दूसरे देश में पढ़ाई, रोज़गार या किसी और वजह से रह रहे हैं और उन्होंने वहां की नागरिकता नहीं ली है, वो अपने निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनके पासपोर्ट में भारत में उनका निवास स्थान का जिक्र होना चाहिए. इसके अलावा एनआरआई को भारत में निवेश करने और प्रॉपर्टी वगैरह को खरीदने का भी अधिकार होता है।
OCI कार्ड होल्डर्स के अधिकार
भारतीय मूल के विदेशी नागरिक जो भारत से जुड़ाव तो रखते हैं, लेकिन उनके पास नागरिकता किसी अन्य देश की होती है, ऐसे लोगों को OCI कार्ड जारी किया जाता है। OCI कार्ड होल्डर्स विदेशी पासपोर्ट रखते हैं, लेकिन भारत में बिना वीजा आ-जा सकते हैं. लेकिन ओसीआई कार्ड होल्डर्स भारत में चुनाव नहीं लड़ सकते हैं और न ही उन्हें भारत में वोटिंग का अधिकार है।
ओसीआई कार्ड होल्डर्स सरकारी नौकरी या संवैधानिक पद पर भी काबिज नहीं हो सकते. इसके अलावा भारत में खेती की जमीन खरीदने की इजाजत भी उन्हें नहीं है। हालांकि ओसीआई कार्ड होल्डर को भारत में जीवनभर रहने, काम करने और आर्थिक लेन-देन की इजाजत होती है।
