नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) : Pilots Sleep During Flight : हवाई जहाज़ में सफर करते समय यात्रियों का भरोसा पूरी तरह से कॉकपिट में बैठे पायलट पर टिका होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 10-15 घंटे की लंबी उड़ानों के दौरान पायलट लगातार जागते कैसे रहते हैं? हैरान कर देने वाली सच्चाई यह है कि पायलट उड़ान के दौरान सोते हैं – और यह पूरी तरह से वैध और नियमों के अनुसार होता है!
कहाँ और कैसे सोते हैं पायलट?
जहाँ आम धारणा यह है कि पायलट पूरी उड़ान कॉकपिट में ही बैठे रहते हैं, वास्तविकता कुछ और ही है। लंबी दूरी की उड़ानों में पायलटों के लिए विशेष रेस्ट रूम बनाए जाते हैं, जो यात्रियों की नज़रों से ओझल रहते हैं। बोइंग 777, बोइंग 787 और एयरबस A350 जैसे बड़े विमानों में पायलटों के लिए अलग से बंक बेड मॉड्यूल बने होते हैं। ये क्षेत्र आमतौर पर कॉकपिट के पीछे या विमान के ऊपरी हिस्से में स्थित होते हैं, जहाँ एक-दो पायलट एक साथ आराम कर सकते हैं।
क्या हैं पायलटों के सोने के नियम?
उड़ान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पायलटों के सोने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं:
• लंबी उड़ानों में आमतौर पर 2-3 पायलट होते हैं
• एक समय में केवल एक ही पायलट सो सकता है
• रेस्ट शुरू करने से पहले दोनों पायलट आपस में सहमति बनाते हैं
• सोकर उठने के बाद पायलट को कुछ मिनट तक कंट्रोल नहीं संभालने दिया जाता
छोटी उड़ानों में क्या होता है?
छोटी उड़ानों में पायलटों को ‘कंट्रोल्ड रेस्ट’ की अनुमति होती है – यह 10-40 मिनट का छोटा आराम period होता है जो कॉकपिट के अंदर ही लिया जाता है। इस दौरान एक पायलट अपनी सीट पर ही झपकी ले सकता है, जबकि दूसरा पायलट पूरी सतर्कता से विमान संभालता रहता है।
सुरक्षा का हिस्सा है यह प्रक्रिया
कई यात्रियों को यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि पायलट उड़ान के दौरान सोते हैं, लेकिन विमानन विशेषज्ञों के अनुसार यह उड़ान सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। शोध बताते हैं कि नियंत्रित झपकी पायलट की प्रतिक्रिया क्षमता और ध्यान को बेहतर बनाती है, जिससे विमान का संचालन और भी सुरक्षित हो जाता है।
अगली बार जब आप लंबी उड़ान भरें, तो यह जानकर आपको आश्वस्ति होगी कि आपके विमान का संचालन एक तरोताजा और सतर्क पायलट कर रहा है!











