Railway Employees : 8वें वेतन आयोग की मंजूरी से रेलवे यूनियन की उम्मीदें बढ़ीं

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Railway union hopes increased with the approval of 8th Pay Commission

नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) Railway Employees केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गुरुवार को 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दे दी है. इसके लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त उछाल होने की उम्मीद है। हालांकि, इसके तुरंत बाद रेलवे यूनियन के एक वर्ग ने सरकार से नाइट ड्यूटी भत्ते को लेकर अपने फैसले पर फिर से विचार करने की मांग की है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 13 जुलाई, 2020 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया था, जिसके अनुसार अन्य शर्तों के साथ-साथ “रात्रि ड्यूटी भत्ते की पात्रता के लिए मूल वेतन की अधिकतम सीमा 43,600 रुपये प्रति माह होगी।”

किन कर्मचारियों को नहीं मिलता है नाइट ड्यूटी अलाउंस

पूर्वोत्तर रेलवे मेंस कांग्रेस के सहायक महासचिव विवेक मिश्रा ने कहा, “डीओपीटी ओएम (कार्यालय ज्ञापन) के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 43,600 रुपये से अधिक है, तो उसके रात्रि ड्यूटी भत्ते (NDA) की गणना उसके मूल वेतन को 43,600 रुपये मानकर की जाएगी, जो अनुचित और तर्कहीन है।”

रेलवे बोर्ड ने हालांकि 29 सितंबर, 2020 को एक निर्देश जारी किया था और कहा था कि NDA उन कर्मचारियों को ही दिया जायेगा, जो केवल वेतन स्तर सात तक हैं. इससे उच्च वेतन स्तर आठ और नौ के कर्मचारियों को एनडीए का कोई भी लाभ मिलने की सम्भावना समाप्त हो गई।

यूनियन ने की फिर से विचार की मांग

मिश्रा ने कहा, “रेल मंत्रालय ने भी इस तरह का प्रतिबंध लगाने के लिए कोई तर्क नहीं दिया. यह हतोत्साहित करने वाला है. क्योंकि सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, मैं डीओपीटी के साथ-साथ रेल मंत्रालय से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि वे इस पहलू पर अलग से विचार करें क्योंकि रेलवे का कामकाज अन्य सरकारी विभागों की तरह नहीं है.”

यूनियनों के अनुसार,”2020 से पहले, सभी सरकारी कर्मचारियों को उनके पदक्रम वेतन की परवाह किए बिना रात 10 बजे से सुबह छह बजे के बीच काम करने के लिए उक्त भत्ता मिलता था. लेकिन सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के बाद जब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर अधिकतम सीमा तय कर दी, तो सुरक्षा विभाग के कई कर्मचारी अब NDA से वंचित हो गए हैं.”

‘समान अधिकारियों के साथ अलग बर्ताव’

‘नॉर्दर्न रेलवे ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन’ के महासचिव सुमीर आइमा ने कहा, “एक स्टेशन मास्टर रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक आठ घंटे काम करता है और उसे एनडीए का लाभ मिलता है, क्योंकि वह वेतन स्तर सात में आता है. दूसरी ओर, यदि किसी अन्य स्टेशन मास्टर को स्तर आठ या स्तर नौ में पदोन्नत किया जाता है, तो उसे समान ड्यूटी घंटे करने के बावजूद लाभ नहीं मिलता, भले ही वह स्तर सात वाले से अधिक अनुभवी क्यों न हो।”

‘रात में भी पूरी मेहनत करते हैं रेलवे स्टाफ’

अखिल भारतीय रेलगाड़ी नियंत्रक संघ के पूर्व सहायक महासचिव मनोज सिन्हा ने कहा, “जब वरिष्ठ अधिकारी घर पर सो रहे होते हैं तो ये कर्मचारी लोगों को सुरक्षित रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचने में मदद करने के लिए अथक परिश्रम करते हैं। सरकार को रेलवे की कार्यप्रणाली को अन्य विभागों से अलग मानना ​​चाहिए तथा उसके अनुसार ही व्यवहार करना चाहिए.”

 

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Author: Travel Post

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