Ukraine e-Visa : यूक्रेन ने भारत सहित 45 देशों के लिए ई-वीजा सेवा फिर से शुरू की

Ukraine e-Visa

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Ukraine resumes e-Visa service for 45 countries including India

नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) Ukraine e-Visa : यूक्रेन ने भारत, भूटान, मालदीव और नेपाल समेत लगभग 45 देशों के नागरिकों को फिर से ई-वीज़ा जारी करना शुरू कर दिया है। अब 19 फरवरी, 2025 से, कांसुलर सेवाओं का सामान्य विभाग पर्यटन, व्यवसाय, शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक गतिविधियों, पत्रकारिता और चिकित्सा उपचार उद्देश्यों के लिए ई-वीज़ा आवेदन स्वीकार करेगा।

ध्यान रहे कि यूक्रेन एक सुंदर और ऐतिहासिक देश है, जो यूरोप के पूर्वी हिस्से में स्थित है। यह देश अपनी समृद्ध संस्कृति, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों, ऐतिहासिक स्थल और शानदार वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।

यूक्रेनी दूतावास के ई-वीज़ा दो प्रकार के हैं

1 एकल-प्रवेश वीजा – जिसकी फीस 20 अमेरिकी डॉलर है।
2 डबल-प्रवेश वीजा – जिसकी फीस 30 अमेरिकी डॉलर है।

अगर किसी आवेदक को अपने ई-वीज़ा की प्रक्रिया जल्दी पूरी करनी हो, तो उसे अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। यह शुल्क सामान्य वीजा प्रक्रिया से दोगुना होगा। सामान्य तौर पर वीज़ा आवेदन प्रक्रिया में तीन कार्य दिवस लगते हैं, लेकिन यदि आवेदन बहुत जरूरी है तो इसे एक दिन में पूरा किया जा सकता है।

भारत सहित अन्य देशों के साथ अपने संबंध मजबूत बनाने की दिशा में कदम

यूक्रेन की ओर से जारी ई-वीज़ा सेवा बहाल करने का यह भारत सहित अन्य देशों के साथ अपने संबंध और मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। इस कदम से आने वाले बरसों में व्यापार, कृषि, फार्मास्युटिकल्स, रक्षा, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में भारत-यूक्रेन संबंध और मजबूत होंगे। भारत और यूक्रेन सरकारें सांस्कृतिक आदान-प्रदान में भी भाग हिस्सा रही हैं।

दोनों देशों ने कीव में तारास शेवचेंको राष्ट्रीय विश्वविद्यालय और कीव भाषाई विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों के माध्यम से हिंदी भाषा पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है। इसके अलावा, यूक्रेन में यूक्रेनी एसोसिएशन ऑफ आयुर्वेद एंड योग जैसे संस्थान भारतीय चिकित्सा पद्धतियों और योग का प्रचार करते हैं, और अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस का आयोजन करते हैं।

गांधी जी की एक प्रतिमा का अनावरण किया

भारत और यूक्रेन के रिश्तों को और मजबूत करने के लिए, 2020 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर कीव में गांधी जी की एक प्रतिमा का अनावरण किया गया। यह प्रतिमा “शांति का नखलिस्तान” नामक एक वनस्पति उद्यान में स्थापित की गई है, जो गांधी जी की शांति और अहिंसा की विचारधारा चित्रित करती है। इस तरह, यूक्रेन और भारत के बीच संबंधों का दायरा अब केवल व्यापार और शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और पारंपरिक आदान-प्रदान भी बढ़ रहा है। यह पहल दोनों देशों के बीच भविष्य में और भी अच्छे रिश्ते स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

यूक्रेन में हिंदी भाषा पाठ्यक्रम भी

भारत और यूक्रेन सरकारें तारास शेवचेंको राष्ट्रीय विश्वविद्यालय और कीव भाषाई विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों के माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान में शामिल हैं, जहां हिंदी भाषा पाठ्यक्रम भी है। इसके अलावा, यूक्रेन यूक्रेनी एसोसिएशन ऑफ आयुर्वेद एंड योग जैसे अन्य संस्थानों का भी घर है।

यूक्रेन में भारतीयों की तादाद

यूक्रेन में भारतीयों की तादाद लगातार बढ़ रही है, विशेष रूप से छात्रों और पेशेवरों के बीच इस संख्या में इजाफा हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार, यूक्रेन में लगभग 18,000 से 20,000 भारतीय नागरिक रह रहे हैं, जिनमें अधिकतर छात्र हैं, जो चिकित्सा, इंजीनियरिंग और अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे हैं।

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Author: Travel Post

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