Trump signs order ending birthright citizenship in America, know what effect it will have on Indians
नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) US Birthright Citizenship : अब अमेरिका में जन्म लेने वाले हर बच्चे को अपने आप वहां की नागरिक नहीं मिल पाएगी। इसका कारण यह है कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जन्म के आधार पर मिलने वाली नागरिकता के नियम को खत्म कर दिया है।
आइये जानते हैं कि अमेरिका में जन्म के आधार पर नागरिकता देने वाले कानून के बारे में और नई व्यवस्था भारतीय प्रवासियों को कैसे प्रभावित करेगी?
नागरिकता पर नया आदेश
अमेरिकी संविधान में हुए 14वें संशोधन के मुताबिक जन्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रविधान है। मतलब, अमेरिका में जन्म लेने वाला हर बच्चा खुद ही अमेरिका का नागरिक बन जाता है। भले ही उसके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी रही हो।
अमेरिका में सबको बराबरी का अधिकार देने के मकसद से यह संविधान संशोधन 1868 में लागू हुआ था। काफी समय से राजनीतिक दल अवैध प्रवासियों और घुसपैठ का मुद्दा लगातार उठा रहे थे। खासतौर पर ट्रंप इसके सख्त खिलाफ थे।
क्या कहता है नया आदेश?
नए आदेश के मुताबिक अगर जन्म के साथ किसी बच्चे को अमेरिका की नागरिकता चाहिए तो उसके माता या पिता में से एक का अमेरिकी नागरिक होना अनिवार्य होगा। साथ ही किसी एक के पास ग्रीन कार्ड होना चाहिए या किसी एक का अमेरिका की सेना में होना जरूरी है।
ट्रंप का कहना है कि यह आदेश ‘बर्थ टूरिज्म’ और अवैध प्रवासियों को रोकने की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। नागरिकता हासिल करने के मकसद से प्रवासी अमेरिका जाकर अपने बच्चे को जन्म देते हैं, जिससे बच्चे को खुद ही वहां की नागरिकता मिल जाती है।
ट्रंप ने आदेश में क्या कहा है?
आदेश में कहा गया है कि अमेरिका में जन्में उन्हीं बच्चों को अमेरिका की नागरिकता दी जाएगी, जिनके माता-पिता से कोई एक अमेरिकी नागरिक हों या उनमें से किसी के पास ग्रीन कार्ड हो।
भारतीयों पर फैसले का असर
2023 में 59 हजार भारतीयों को अमेरिका की नागरिकता 1.5% हासिल हुई है। बीते वर्षों में यहां रहने वाले 48 लाख से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कई बच्चों को जन्म के आधार पर नागरिकता मिली है। लेकिन अब ट्रंप के आदेश के बाद ऐसा नहीं हो पाएगा।
अब ऐसे बच्चों को अमेरिका की नागरिकता नहीं मिल पाएगी, जो अमेरिका की जनसंख्या में अब तक ग्रीन कार्ड या फिर एच-1बी वीजा के इंतजार में रह रहे भारतीयों के बच्चों को मिल जाती थी, क्योंकि उनका जन्म अमेरिका में हुआ था।
