नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) : US H-1B visa policy changes : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन एच-1बी वीजा नीति में ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी कर रहा है। नई नीति के तहत विदेशी कुशल पेशेवरों को अमेरिका लाकर अमेरिकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करवाया जाएगा, जिसके बाद ये विशेषज्ञ अपने देश लौट जाएंगे। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि यह रणनीति ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण उद्योगों को देश में वापस लाना और आयात पर निर्भरता कम करना है।
ज्ञान हस्तांतरण का नया मॉडल
वित्त मंत्री बेसेंट ने स्पष्ट किया कि इस नीति के तहत विदेशी विशेषज्ञों को 3, 5 या 7 साल के लिए अमेरिका लाया जाएगा, ताकि वे सेमीकंडक्टर, जहाज निर्माण और प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर सकें। उन्होंने कहा, “पिछले 20-30 वर्षों में हमने इन उद्योगों में विशेषज्ञता खो दी है। हमें कुशल विदेशी पेशेवरों की आवश्यकता है जो अमेरिकियों को ये कौशल सिखा सकें।”
US H-1B visa policy changes : अमेरिकी कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण का महत्व
जब अमेरिकी नौकरियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछा गया, तो बेसेंट ने जोर देकर कहा कि यह नीति नौकरियां छीनने के बजाय अमेरिकी कर्मचारियों को योग्य बनाने के बारे में है। उन्होंने स्पष्ट किया, “समस्या यह नहीं है कि अमेरिकी ये नौकरियां नहीं कर सकते, बल्कि यह है कि वे अभी तैयार नहीं हैं। हमें उन्हें प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।”
आम परिवारों के लिए राहत
इसके साथ ही, ट्रंप प्रशासन $100,000 से कम आय वाले परिवारों के लिए $2,000 की टैरिफ छूट की योजना भी बना रहा है। बेसेंट ने कहा कि यह कदम मजबूत व्यापार नीतियों के लाभों को सीधे अमेरिकी परिवारों तक पहुंचाने के उद्देश्य से है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रशासन की दृष्टि समान समृद्धि की है, जिसके लिए एक स्थिर और मजबूत ट्रेजरी बाजार आवश्यक है। यह नई नीति अमेरिकी उद्योगों में कौशल विकास और आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।












