US Travel Warning : एच-1बी वीजा धारकों, विदेशी छात्रों और ग्रीन कार्ड धारकों को दी गई ‘अमेरिका से बाहर न जाएं’ की सलाह

US Travel Warning

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‘Do not go out of America’ advice given to H-1B visa holders, foreign students and green card holders

वाशिंगटन (ट्रैवल पोस्ट) US Travel Warning : अमेरिका में इमिग्रेशन वकीलों ने भारतीय नागरिकों को देश से बाहर यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। H-1B वीजा होल्डर्स, विदेशी छात्रों और ग्रीन कार्ड होल्डर्स जैसे लोगों को ये सलाह दी गई है। वैसे तो भारत का नाम किसी भी प्रस्तावित ट्रैवल बैन लिस्ट में नहीं है, लेकिन वकीलों ने बताया कि यात्रियों को इस वक्त वीजा स्टैम्पिंग में देरी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें कड़े सिक्योरिटी चेकिंग से भी गुजरना पड़ा है और कुछ मामलों में अमेरिकी एयरपोर्ट पर यात्री हिरासत में भी लिए गए हैं।

इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि अमेरिकी सरकार ने इमिग्रेशन नीतियों में बदलाव किया है, जिस वजह से भारतीयों को परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे में अगर यात्रा करना जरूरी नहीं है तो फिलहाल उसे टाल देना ही बेहतर होगा। सिएटल में इमिग्रेशन वकील कृपा उपाध्याय ने टीओआई से बात करते हुए कहा, “भले ही ये बात बेरहमी भरी लगे, लेकिन विदेशी नागरिकों (खासकर जिन्हें H-1B या F-1 वीजा स्टैम्प के रिन्यूअल की जरूरत) को अभी अमेरिका छोड़ने के बारे में दो बार सोचना चाहिए।

वीजा इंटरव्यू छूट के नियमों में बदलाव

दरअसल, हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने वीजा इंटरव्यू छूट या कहें ‘ड्रॉपबॉक्स’ अप्वाइंटमेंट को लेकर नियम बदले हैं। पहले जिस शख्स को भी नॉन-इमिग्रेंट वीजा (B विजिटर वीजा को छोड़कर) जारी किया गया था, उसके पास इंटरव्यू छूट के लिए आवेदन करने का ऑप्शन होता था। हालांकि, उसे वीजा इंटरव्यू से छूट तभी मिलती थी, जब वीजा 48 महीनों के भीतर एक्सपायर हुआ हो। मगर अब ड्रॉपबॉक्स की सुविधा सिर्फ उन लोगों को मिल रही है, जिनका वीजा पिछले 12 महीने में एक्सपायर हुआ है।

यात्रियों की सिक्योरिटी जांच भी बढ़ाई गई

एनपीजेड लॉ ग्रुप में मैनेजिंग अटॉर्नी स्नेहल बत्रा ने बताया कि वीजा अपॉइंटमेंट की उपलब्धता की वजह से होने वाली देरी टेंशन का सिर्फ एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे लोगों के बारे में पता है जो बिना किसी स्पष्ट कारण के अतिरिक्त जांच और सिक्योरिटी क्लीयरेंस के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया में फंसे हुए हैं।

बत्रा ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, अगर व्यक्ति को पहले कई बार वीजा के लिए मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि ट्रंप सरकार के पिछले कार्यकाल की तरह ही इस बार भी ज्यादा जांच दिख सकती है। इसका मतलब है कि वीजा पाने के लिए अब ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। वकीलों का कहना है कि भले ही USCIS से H-1B वीजा मंजूर हो जाए, लेकिन कांसुलर अधिकारी वीजा देने से इनकार कर सकते हैं और आवेदन को फिर से जांच के लिए वापस भेज सकते हैं। उपाध्याय ने कहा कि ऐसी स्थिति में, देश से बाहर के कर्मचारी कई महीनों तक फंस जाएंगे और वे अमेरिका नहीं लौट पाएंगे।

ग्रीन कार्ड होल्डर्स की भी परेशानी बढ़ी

ग्रीन कार्ड होल्डर्स को भी अब ज्यादा जांच का सामना करना पड़ रहा है। इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि ऐसे मामले बढ़ रहे हैं जहां ग्रीन कार्ड होल्डर्स, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, को अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (CBP) अधिकारियों द्वारा सेकेंडरी निरीक्षण और यहां तक कि रात भर हिरासत में लिया जा रहा है।

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Author: Travel Post

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