इंडियन एविएशन इंडस्ट्री अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भी घाटे में रहेगा. विमानन क्षेत्र की सलाहकार कंपनी कापा इंडिया की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है. कापा इंडिया की 2021 की शीर्ष दस प्रवृत्तियों पर रिपोर्ट में कहा गया है, एयरलाइंस को अपने बिना परिचालन के खड़े बेड़े की लागत का बड़ा बोझ उठाना होगा. विशेषरूप उन विमानों पर जो पूर्व में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन कर रहे थे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में एयरलाइन कंपनियों का राजस्व तो दबाव में रहेगा ही, चालू वित्त वर्ष की तुलना में उनकी लागत में भी उल्लेखनीय इजाफा होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में ब्रेंट कच्चा तेल औसतन 50 से 60 डॉलर प्रति बैरल रहेगा. इस दौरान डॉलर-रुपये की विनिमय दर 73 से 75 रहेगी.
दो-तीन एयरलाइन ही रह सकती हैं
तेल कीमतें और विनिमय दर किसी एयरलाइन की परिचालन की लागत पर सबसे अधिक प्रभाव डालती हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय विमानन क्षेत्र में एकीकरण तय है. ऐसे में निकट से मध्यम अवधि में ‘दो-तीन एयरलाइन की प्रणाली’ बन सकती है.
