Canada Strict Rules : कनाडा की ट्रूडो सरकार ने पढ़ाई करने के लिए विदेश से आने वाले विद्यार्थियों के लिए नियमों में बदलाव करने के साथ ही कॉलेजों पर भी सख्ती शुरू कर दी है। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स पंजाब लौटने लगे हैं। पंजाब के कई नामी लोगों ने कनाडा में कॉलेजों के कैंपस खोलकर धंधा चलाया हुआ था। नए नियमों के मुताबिक अब कैंपस कॉलेज से पढ़ने वाले विद्यार्थियों को वर्क परमिट नहीं मिल पाएगा। कनाडा ने विदेश से आने वाले विद्यार्थियों के लिए स्टूडेंट वीजा की संख्या को घटाकर 3.60 लाख कर दिया है। यह पिछले साल के मुकाबले 35 फीसदी कम है।
Canada Strict Rules : निययों में बदलाव
विदेशी विद्यार्थियों की उन्हीं स्पाउस यानी जीवनसाथी को ओपन वर्क परमिट दिया जाएगा, जो मास्टर्स या डॉक्टरेट प्रोग्राम कर रहे हैं। ग्रेजुएट या कॉलेज के छात्रों के स्पाउस के लिए ओपन वर्क परमिट नहीं होगा। इससे फर्जी शादियों पर नकेल कसी गई है। स्टूडेंट वर्क परमिट के लिए एक नए दस्तावेज की जरूरत होगी, जो अटेस्ट किया जाने वाला लेटर है। यह कनाडाई प्रांत की ओर से जारी किया जाता है, जिसमें आवेदन करने वाले को ठहरने की मंजूरी दी गई होती है।
कनाडा में प्रांत सरकार का अधिकार होगा कि किस कॉलेज को कितनी सीटें आवंटित करनी हैं। यह सीटें उसके आधारभूत ढांचे और अंदर बने हॉस्टल पर निर्भर होंगी। आगे कनाडा की फेडरल ट्रूडो सरकार ही फैसले लेती थी। कनाडा में एलओआई (लेटर ऑफ इंटेंट) के साथ ही दाखिला मिलता था, लेकिन अब पीएएल प्रोविंसनल अटेस्टेशन लेटर से दाखिला मिलेगा। अगर यह लेटर नहीं लगता है, तो आगे वर्क परमिट नहीं मिलेगा। जीआईसी पहले 10 हजार कनाडाई डॉलर थी, जिसको बढ़ाकर अब 20 हजार डॉलर कर दिया गया है।
विदेश में पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले भारतीय विद्यार्थियों के लिए कनाडा हमेशा पहली पसंद रहा है। विदेश मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, हर साल औसतन 1.5 लाख विद्यार्थी कनाडा गए। इसके बाद अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात जाने वाले विद्यार्थियों की तादाद रही। यूके और ऑस्ट्रेलिया जाने वालों की संख्या क्रमशः 50 हजार और 90 हजार के करीब रही।
