Indian Passport : पासपोर्ट जो किसी भी व्यक्ति के लिए विदेश यात्रा का अनिवार्य दस्तावेज होता है, न केवल एक पहचान पत्र के रूप में कार्य करता है बल्कि इसके रंग भी व्यक्ति की स्थिति और भूमिका को दर्शाते हैं. भारत में मुख्य रूप से तीन रंगों के पासपोर्ट जारी किए जाते हैं, और प्रत्येक रंग का अपना विशेष महत्व है. रीजनल पासपोर्ट ऑफिस पटना के डिप्टी पासपोर्ट ऑफिसर बताते हैं कि पासपोर्ट के रंग आवेदक की स्थिति और उसकी आवश्यकता के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं, ताकि पासपोर्ट का उपयोग करने वाले व्यक्ति की पहचान और स्थिति को आसानी से पहचाना जा सके.
पासपोर्ट के रंग केवल सजावट के लिए नहीं होते, बल्कि यह धारक की पहचान, भूमिका और पद को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं. साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पासपोर्ट का रंग धारक की स्थिति को उजागर करता है, जिससे उन्हें विशेष सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान की जाती हैं.
आम नागरिकों के लिए नीला पासपोर्ट
भारत में अधिकांश नागरिकों को नीला पासपोर्ट जारी किया जाता है. यह पासपोर्ट उन सामान्य नागरिकों के लिए होता है, जो व्यक्तिगत या व्यावसायिक कारणों से विदेश यात्रा करते हैं. एमआर नाज़मी बताते हैं कि नीला पासपोर्ट सामान्य नागरिकों के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है और इसे अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है.
Indian Passport : सफेद यानी ऑफिशियल पासपोर्ट
वहीं, एमआर नाजमी के अनुसार सफेद रंग का पासपोर्ट मुख्य रूप से उन सरकारी अधिकारियों को दिया जाता है, जो सरकारी कार्यों के लिए विदेश यात्रा पर जाते हैं. यह पासपोर्ट उन अधिकारियों को जारी किया जाता है जो सरकारी प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में यात्रा करते हैं. नाज़मी आगे कहते हैं कि सफेद पासपोर्ट सरकारी अधिकारियों की भूमिका और उनके अधिकार को दर्शाता है.
रेड या मैरून पासपोर्ट
एमआर नाजमी बताते हैं कि रेड या मैरून पासपोर्ट उन डिप्लोमेटिक अधिकारियों को दिया जाता है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं. दरअसल, यह पासपोर्ट राजदूतों, उच्चायुक्तों और अन्य वरिष्ठ डिप्लोमेटिक पदों पर आसीन व्यक्तियों को जारी किया जाता है. इस पासपोर्ट का उपयोग अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने और राजनयिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए किया जाता है.
