Air India News : कैसे होती है विमान की तकनीकी जांच? जानिए उड़ान से पहले किस प्रक्रिया से गुजरता है यात्री विमान

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अहमदाबाद (ट्रैवल पोस्ट) Air India News : अहमदाबाद प्लेन क्रैश की घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेघानी नगर के एक आवासीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई। यह भारत की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में से एक है, जिसने विमानन सुरक्षा और उड़ान से पहले की जांच प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

विमान ने टेकऑफ के तुरंत बाद मेडे कॉल (आपातकालीन संदेश) जारी किया, लेकिन इसके बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क टूट गया। इस हादसे के बाद जो सबसे पहला सवाल उठा वो ये कि आखिर इसकी वजह क्या थी। दोनों पायलट अनुभवी थे और मौसम भी साफ था। शुरुआत में ये सवाल भी सामने आए कि क्या विमान में कोई तकनीकी समस्या आ गई थी। लेकिन किसी भी विमान के उड़ान भरने से पहले उसकी पूरी जाँच होती है। अब इस दुर्घटना के पीछे के असली कारण तो इन्वेस्टिगेशन के बाद ही सामने आएंगे लेकिन आज हम समझेंगे कि किसी भी यात्री विमान के उड़ान भरने से पहले की जांच प्रक्रिया क्या होती है।

उड़ान से पहले होती है पूरी जांच

यात्री विमानों की सुरक्षा और यात्रियों के आरामदायक सफर को सुनिश्चित करने के लिए उड़ान से पहले कई स्तरों पर तकनीकी जांच होती है, साथ ही केबिन की सफाई भी की जाती है। ये प्रोसेस अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) और भारत की डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) जैसे नियामक संगठनों के कड़े मानकों के अनुसार होती हैं। आइए समझते हैं कि उड़ान से पहले विमान की क्या-क्या जांच होती है और किन तकनीकी बातों का ध्यान रखा जाता है।

बाहरी जांच (वॉक-अराउंड इंस्पेक्शन)

हर यात्री विमान को उड़ान से पहले बाहर से अच्छी तरह जाँचा जाता है, जिसे वॉक-अराउंड इंस्पेक्शन कहते हैं। पायलट या को-पायलट विमान के चारों तरफ घूमकर देखते हैं कि उसका शरीर यानी फ्यूज़लाज सही है या नहीं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि कहीं कोई दरार, डेंट या जंग तो नहीं। विमान के पंख, फ्लैप्स और एलिरॉन्स जो उड़ान को नियंत्रित करते हैं, उनकी स्थिति और कामकाज की जाँच होती है। इंजन को देखा जाता है कि उसके ब्लेड्स, हवा के रास्ते और निकास में कोई रुकावट या खराबी तो नहीं। लैंडिंग गियर, यानी विमान के पहिए, उनके टायरों का दबाव, ब्रेक और हाइड्रॉलिक सिस्टम की जाँच की जाती है। हवा की गति नापने वाले पिटोट ट्यूब और नेविगेशन लाइट्स के काम करने की पुष्टि होती है।

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Author: Travel Post

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