नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) Indian Railways New Rules: भारतीय रेलवे अब यात्रियों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। रेलवे ने आरामदायक लेनिन, ज्यादा चौड़ी-लंबी चादरें, उच्च गुणवत्ता वाले साफ कंबल और भोजन जैसी सुविधाओं में सुधार किया है। इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने हर ट्रिप के बाद यूवी सेनेटाइजेशन प्रक्रिया शुरू की है।
उत्तर रेलवे के CPRO ने बताया कि “रेलवे में उपयोग होने वाले लेनिन की सफाई हर उपयोग के बाद की जाती है। यह सफाई विशेष रूप से मैकेनिकल लॉन्ड्री में होती है, जो पूरी तरह से निगरानी में होती है, जिसमें CCTV कैमरे लगाए जाते हैं। पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जाती है और समय-समय पर अधिकारियों और पर्यवेक्षकों द्वारा आकस्मिक निरीक्षण भी किया जाता है। सफेदी की जांच करने के बाद ही लेनिन को यात्रियों को दिया जाता है।”
Indian Railways New Rules : कैसे होती है लिनेन की धुलाई
भारतीय रेलवे अब यात्रियों को बेहतर सफाई और सुविधा देने के लिए नई पहल कर रहा है। उत्तर रेलवे ने बताया कि जहां लॉजिस्टिक समस्याएं होती हैं, वहां लेनिन को महीने में कम से कम एक बार साफ किया जाता है। इसके अलावा, हर 15 दिन में नेफ्थलीन वेपर हॉट एयर क्रिस्टलाइजेशन का उपयोग किया जाता है, जो एक प्रभावी और समय-परीक्षित सफाई प्रक्रिया है।
रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हर राउंड ट्रिप के बाद ब्लैंकेट को यूवी किरणों से सैनिटाइज करने की शुरुआत की है। यह उन्नत और आधुनिक तकनीक है, जो अब व्यापक रूप से उपयोग में लाई जा रही है। फिलहाल, यह प्रक्रिया दो राजधानी ट्रेनों—जम्मू राजधानी और डिब्रूगढ़ राजधानी में लागू की गई है। इस प्रयोग के परिणामों के आधार पर भविष्य में इसे अन्य ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा।
