How many types of emergency landings are there, and when is there a need to land the aeroplane in water?
अमेरिका (ट्रैवल पोस्ट) Landing in America : अमेरिका में एक फ्लाइट बड़े हादसे का शिकार हो गई। अमेरिकन एयरलाइंस की ये फ्लाइट राजधानी वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के पास एक हेलीकॉप्टर से टकरा गई। इस विमान में 60 यात्री सवार थे। ये फ्लाइट कंसास सिटी से वाशिंगटन जा रही थी इस दौरान ये हेलीकॉप्टर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे की वजह से फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग पोटोमैक नदी में करानी पड़ी। नदी में फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन का काम जारी है।
पानी में फ्लाइट में इमरजेंसी लैंडिंग का ये मामला नया नहीं है, इससे पहले भी ऐसे कुछ मामले सामने आ चुके हैं। इसका सबसे चर्चित उदाहरण साल 2009 का है, जब यूएस एयरवेज फ्लाइट 1549 को Hudson नदी में उतारा गया था। लेकिन क्या आपको पता है कि हवा में उड़ती फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कई तरह की होती है।
3 तरह से कराई जाती है फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग
आम तौर पर माना जाता है कि फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग तीन तरह से करवाई जाती है. इसमें फोर्स्ड लैंडिंग, प्रीकॉश्नरी लैंडिंग और डिचिंग लैंडिंग शामिल है।
फोर्स्ड लैंडिंग
फोर्स्ड लैंडिंग का फैसला उस समय पर लिया जाता है जब विमान ज्यादा समय तक उड़ाने की स्थिति में नहीं होता है। इस सिचुएशन में फ्लाइट को जल्द से जल्द लैंड करवाया जाता है।
प्रीकॉश्नरी लैडिंग
इस तरह की लैंडिंग में फ्लाइट को उड़ाया तो जा सकता है, लेकिन लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इसकी सलाह नहीं दी जाती है। मौसम में गड़बड़ी, फ्यूल शॉर्टेज, विमान में हल्की दिक्कत होने पर प्रीकॉश्नरी लैडिंग कराने का फैसला लिया जाता है.
डिचिंग लैंडिंग
डिचिंग लैंडिंग के मामले बहुत रेयर होते हैं। इसमें हवाई जहाज को रनवे पर उतारने की बजाय पानी में उतारा जाता है। ये वो स्थिति होती है जब विमान क्रैश करने की स्थिति में होता है। इस स्थिति में एक बड़ा रिस्क लेते हुए फ्लाइट को पानी में उतारकर लोगों की जान बचाने की कोशिश की जाती है।
साल 2009 में क्यों पानी में करनी पड़ी थी लैंडिंग
साल 2009 में जब यूएस एयरवेज फ्लाइट 1549 न्यूयॉर्क सिटी से नॉर्थ कैरोलिना के चार्लोट एंड सिएटल जाने के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद यह फ्लाइट 2800 फीट की ऊंचाई पर जा पहुंचा और अपने सफर की ओर बढ़ रहा था. तभी अचानक कनाडा गीज नामक पक्षियों का झुंड प्लेन के आगे आ गया।
कई पक्षी प्लेन के इंजन में फंस गए और प्लेन के दोनों इंजन फेल हो गए। और उसके टर्बोफैन ने काम करना बंद कर दिया. इसके बाद प्लेन धीरे-धीरे नीचे गिरने लगा.इस स्थिति में प्लेन को पहले लागोर्डिया एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराने की परमीशन दी गई। लेकिन दूरी ज्यादा थी और ये मुमकिन नहीं था।
लेकिन तब तक फ्लाइट बहुत नीचे आ चुकी थी और पायलट के पास बहुत कम समय था. इसलिए उन्होंने पास में मौजूद हडसन नदी में लैंडिंग कराने का फैसला लिया. पायलट ने हडसन नदी पर क्रैश लैंडिंग करवाई, लेकिन वो इतनी अच्छी तरह से करवाई, जैसे प्लेन पानी में तैर रहा हो। रेस्क्यू टीम पहले ही फ्लाइट में सवार सभी लोगों को बचा लिया गया।
