255 passengers will not be able to travel by air, so the passengers have been put on the No Fly List
नई दिल्ली (ट्रैवल पोस्ट) Passengers Put on no-fly list : सरकार ने सोमवार 10 फरवरी को संसद में बताया कि पिछले तीन सालों में विभिन्न एयरलाइंस ने कुल 255 यात्रियों को ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में शामिल किया है। राज्यसभा में जानकारी देते हुए सरकार ने कहा कि ये कार्रवाई दुर्व्यवहार, झगड़े और चालक दल के सदस्यों के साथ मारपीट जैसी घटनाओं के कारण की गई है।
सरकार के फैसले के बाद अब ये यात्री हवाई यात्रा नहीं कर सकेंगे। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में 82, साल 2023 में 110 और साल 2022 में 63 यात्रियों को ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में रखा गया था।
अपील करने के लिए है ये नियम
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक लिखित उत्तर में कहा कि विमान/व्यक्तियों/संपत्ति/विमान में अच्छे क्रम और अनुशासन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और विमान में गैरकानूनी/विघटनकारी व्यवहार से निपटने के लिए पर्याप्त नियामक ढांचे मौजूद हैं।
‘नो फ्लाई लिस्ट’ में शामिल किए जाने से व्यथित व्यक्ति आदेश जारी होने की तारीख से 60 दिनों के भीतर मंत्रालय द्वारा गठित अपीलीय समिति के समक्ष अपील कर सकता है। नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ऐसे मामलों में यात्रियों से निपटने से संबंधित मानदंड बनाए हैं।
वित्त वर्ष 2024 में 37. 41 करोड़ यात्रियों को संभाला
समिति की अध्यक्षता हाई कोर्ट के रिटायर न्यायाधीश, यात्री संघ या उपभोक्ता संघ के प्रतिनिधि या उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के रिटायर अधिकारी और एयरलाइनों के प्रतिनिधि करते हैं, जो उपाध्यक्ष या समकक्ष पद से नीचे नहीं होते।
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजारों में से एक है और देश के एयरपोर्ट ने वित्त वर्ष 2024 में 37. 41 करोड़ यात्रियों को संभाला। मोहोल ने एक अन्य लिखित उत्तर में कहा कि अगले पांच वर्षों में हवाई यात्रियों की संख्या में लगभग 15 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ने होने की उम्मीद है।
